शिक्षा क्या है शिक्षा का अर्थ और उद्देश्य what is education meaning

शिक्षा क्या है शिक्षा का अर्थ और उद्देश्य what is education meaning 

हैलो नमस्कार दोस्तों आपका बहुत - बहुत स्वागत है, इस लेख शिक्षा क्या है शिक्षा का अर्थ और उद्देश्य (what is education meaning) में।

दोस्तों इस लेख में आप शिक्षा क्या है? शिक्षा का अर्थ आदि जान पायेंगे। तो आइये शुरू करते है, यह लेख शिक्षा क्या है शिक्षा का अर्थ:-

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शिक्षा क्या है शिक्षा का अर्थ

शिक्षा क्या है what is education 

शिक्षा एक ऐसा माध्यम होता है, जो व्यक्ति को पूर्ण स्वरूप प्रदान करता उसे समाज में रहने योग्य बनाता है। इसलिए शिक्षा प्राचीन काल से ही चली आ रही है।

प्राचीन काल में शिक्षा को ईश्वरीय गुणों की प्राप्ति आत्मज्ञान या मोक्ष प्राप्ति का साधन आदि के रूप में जाना जाता था और इसके पश्चात दार्शनिक नैतिकता, सरसता को विकसित करने वाले साधन के रूप में शिक्षा को परिभाषित करते हैं।

प्लूटार्क शिक्षा के अर्थ को स्पष्ट करते हुए कहते हैं, कि शिक्षा से मेरा अभिप्राय उस प्रशिक्षण से होता है, जो अच्छी आदतों के द्वारा बालकों में अच्छी नैतिकता का विकास करता है, जबकि अरस्तु कहते हैं, कि शिक्षा स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण करती है।

लॉक महोदय ने भी कहा है, शिक्षा विकास का एक प्रकार का साधन है, जैसे पौधों का विकास कृषि तथा मनुष्यों का विकास शिक्षा द्वारा होता है, परंतु कालांतर में शिक्षा के अर्थ में अन्य विचार प्रस्तुत किए गए

जिनमें शिक्षा का क्षेत्र व्यापक होने लगा और चिंतन की एक नई दिशा सामने आ गई। आज भी विचारक और विद्वान शिक्षा के अर्थ को अच्छी तरह स्पष्ट करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है।

शिक्षा का अर्थ Meaning of education 

शिक्षा के अर्थ को निम्नलिखित आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है:-

शिक्षा का अर्थ Meaning of education

शिक्षा को अंग्रेजी में एजुकेशन कहते है और एजुकेशन शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के Educatum words, Educere words और Educare words से हुई है।

Educatum words:- एजुकेटम वर्ड्स का अर्थ टू ट्रेन एक्ट ऑफ टीचिंग (To train act of teaching) अर्थात शिक्षित करना कहलाता है, यह दो शब्दों से मिलकर बना होता है E और Duco जिसमें E का अर्थ होता है, अंदर से तथा Duco का अर्थ होता है, बढ़ाना या विकास करना इस प्रकार से एजुकेशन का अर्थ हुआ अंदर से विकास करना।

Educere words:- Educere words का अर्थ होता है टू लीड आउट (To lead out) जिसको हम कह सकते हैं, अंदर से विकसित करना या अंदर से निकालना।

Educare words:- Educare words का अर्थ होता है टू एजुकेट टू ब्रिंग अप टू राइज अर्थात आगे बढ़ाना अंदर से बाहर निकालना अथवा अंदर से विकसित करना।

इस प्रकार से हम कह सकते हैं,  कि प्रत्येक बालक जन्म से ही कुछ प्रवृत्तियाँ लेकर पैदा होता है जिनको को वातावरण के संपर्क में लाकर विकसित किया जाता है और बाहर लाया जाता है,

तथा इस आधार पर शिक्षा का शाब्दिक अर्थ है, चालक के अंदर जन्मजात शक्तियों का सर्वांगीण विकास करना होता है, कियोकि शिक्षा वातावरण और वंशानुक्रम दोनों पर निर्भर करती है।

शिक्षा का संकुचित अर्थ Narrow meaning of education

शिक्षा का संकुचित अर्थ से मतलब होता है, किसी भी बालक की स्कूली शिक्षा। इस प्रकार की शिक्षा में बालक एक निश्चित स्थान निश्चित समय से निश्चित समय

तक तथा निश्चित पाठ्यक्रम के आधार पर शिक्षा प्राप्त करता है। शिक्षा के इस अर्थ में शिक्षक का स्थान मुख्य माना जाता है और बालक का स्थान गौण माना जाता है। किन्तु ऐसे ज्ञान को प्राप्त करने के बाद बाला का सर्वागीण विकास तो

नहीं हो पाता, किंतु उस बालक को शिक्षित कहा जाता है। संकुचित अर्थ के अनुसार शिक्षा बालक की स्वतंत्रता का गला घोट कर उसकी स्वाभाविक विकास को इस चुनौती देता है।

शिक्षा का व्यापक अर्थ Broad meaning of education

व्यापक दृष्टि में शिक्षा का अर्थ बालक के उन सभी अनुभवों से होता है जिनका प्रभाव उनके ऊपर जन्म से लेकर मृत्यु तक पड़ता है अर्थात हम कह सकते हैं

कि व्यापक अर्थ के अनुसार शिक्षा जीवन पर्यंत चलने वाली एक प्रक्रिया होती है ऐसी शिक्षा में बालक परीक्षा का स्थान समय अथवा किसी देश तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि जिस व्यक्ति के संपर्क में आता है

उसे कुछ न कुछ आवश्यकता है उसके शिक्षक जिनेवा सिखाता है वह सब उसके शिष्य तथा जिस स्थान पर सीखने तथा सिखाने का कार्य चलता है वह सब स्कूल कहलाता है अतः शिक्षा के व्यापक अर्थ में यह कहा जा सकता है कि बालक का समस्त

जीवन स्कूल ही होता है तथा शिक्षा का यह काल भी होता है अर्थात शिक्षा बालक के प्राकृतिक विकास की प्रक्रिया मानी जाती है परिणाम स्वरूप शिक्षा के अर्थ को व्यक्ति में रखते हुए रूसो ने प्रगतिवाद का नारा भी लगाया था।

शिक्षा का विश्लेषणात्मक अर्थ Analytical meaning of education 

शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है, जो जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत तक चलती है, कियोकि यह जन्मजात शक्तियों का विकास कहलाती है। पहले शिक्षा का अर्थ ज्ञान के मस्तिष्क में स्थापित करने से लगाया जाता था

पर आधुनिक अर्थों में शिक्षा बालक की प्रवृत्ति एवं प्रकृति के अनुसार है। उसकी बौद्धिक शक्तियों का सर्वागीण विकास से लगाया जाता है।

अतः विश्लेषणात्मक अर्थ में शिक्षा का अर्थ किसी एक अर्थ में ना होकर कई अर्थों में होता है जिसे हम निम्न प्रकार से स्पष्ट करते हैं:-

शिक्षा एक द्विमुखी प्रक्रिया:- जॉन एडम ने शिक्षा को शिक्षार्थी और शिक्षक के मध्य चलने वाले द्विमुखी प्रक्रिया बताया है। उन्होंने कहा इन दोनों में से किसी एक की भी अनुपस्थिति होने पर शिक्षा

की प्रिक्रिया चल ही नहीं सकती। शिक्षण में दोनों ही एक दूसरे से प्रभावित होते हैं और शिक्षा के सफल संचालन में दोनों ही भाग लेते है, जिसमें एक सीखता है और दूसरा सिखाता है।

शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया:- प्रयोजनवादी विचारधारी शिक्षा को त्रिमुखी प्रक्रिया के रूप में बताते है, जिसमें तीसरा तत्व समाज होता हैं। प्रयोजन वादी विचारधारा को ने कहा है, कि शिक्षा एक सामाजिक प्रक्रिया होती है, यह समाज की आवश्यकता को

पाठ्यक्रम के रूप में स्वीकार करके शिक्षक और शिक्षार्थी के साथ विषय वस्तु को आवश्यक तत्व के रूप में ध्यान करती है, कहा जाता है कौन किसे क्या पढ़ायेगा और यही पाठ्यक्रम है। इसके बिना शिक्षण या सीखने की प्रिक्रिया नहीं चल सकती आत: शिक्षा एक त्रिमुखी प्रक्रिया के रूप में स्वीकार की जाती है।

शिक्षा एक सामाजिक विकास की प्रक्रिया :- शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसे सामाजिक विकास की प्रक्रिया माना जाता है। जॉन डीवी ने कहा एजुकेशन इज अ सोशल फंक्शन (Education is a social function) अर्थात सामाजिक वातावरण में

चलने वाली  ऐसी प्रक्रिया को मानव क्रियाओं के महत्व को समझाया हैं, उसके अनुसार सामाजिक वातावरण की भी सभी क्रियाएँ होती हैं, जो वह उसके सदस्य के रूप में करता है और

जिनके अनुरूप वह शिक्षा प्राप्त करता है, सामाजिक विकास के लिए शिक्षा में पाठ्यक्रम के महत्व को पहचानना तथा विद्यालय में समाज का प्रतिनिधि करना स्वीकार किया गया है।

शिक्षा एक गतिशील प्रक्रिया:- एडम के अनुसार शिक्षा समाज पर प्रभाव डालती है और स्वयं समाज से प्रभावित होती है, जो सामाजिक परिवर्तन का कारण बनती है और समाज की आवश्यकता के अनुसार स्वयं अपने रूप को परिवर्तित करने की क्षमता भी रखती है।

यही कारण है, कि शिक्षा आदिकाल के आध्यात्मिक विकास के साधन के रूप में सफर तय करती हुई आज व्यवहारिक जीवन को सुखी और समृद्ध बनाने के साधन के रूप में प्रतिष्ठित हो चुकी है।

शिक्षा का वास्तविक अर्थ Real meaning of education

शिक्षा का वास्तविक अर्थ नहीं होता है, शिक्षा के संकुचित अर्थ में बालक का अर्थात बालकों की रूचि और क्षमताओं तथा योग्यता को भुला दिया जाता है,

ऐसे ही व्यापक अर्थ में शिक्षा आवश्यकता से अधिक उदार हो जाती है, अर्थात बालक का सामाजिक तथा आध्यात्मिक विकास होना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य हो जाता है। वहीं शिक्षा के विश्लेषणात्मक अर्थ में शिक्षा को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है।

इस प्रकार उपरोक्त कथनों से यह पता चल जाता है, कि शिक्षा के शाब्दिक अर्थ शिक्षा के संकुचित अर्थ शिक्षा के व्यापक अर्थ और शिक्षा के विश्लेषणात्मक अर्थों में कुछ ना कुछ कमियाँ अवश्य दिखाई देती हैं

और यदि बालक को एक सुखी संपन्न तथा प्रथम जीवन आनंद देने के योग्य बनाना है, तो शिक्षा के वास्तविक अर्थ में शिक्षा के संकुचित तथा व्यापक दोनों ही अर्थों का योग होना चाहिए क्योंकि दोनों अर्थो पर स्थापित होने पर शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया

के रूप में उत्पन्न हो जाएगी तो चेतन अचेतन रूप में बालक की व्यक्तित्व क्षमता, योग्यता और सामाजिक आदर्शों को ध्यान में रखते हुए आवश्यकतानुसार स्वतंत्रता प्रदान करेगी और उसका

बौद्धिक सामाजिक सांस्कृतिक आध्यात्मिक विकास भी होगा इसके व्यवहार में इस प्रकार से परिवर्तन होगा कि व्यक्ति तथा समाज दोनों ही उन्नति के लिए अग्रसर रहेंगे।

शिक्षा के उद्देश्य Object of education

मनुष्य के जीवन में शिक्षा के कई उद्देश्य है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने जीवन को सहज सरल और सुखमय बनाता है. मनुष्य के लिए शिक्षा का सबसे बड़ा उद्देश्य धन अर्जन है, क्योंकि धन के द्वारा हम विभिन्न प्रकार की आवश्यकताओ को पूरा करते हैं, इसलिए व्यक्ति शिक्षा अपने स्तर पर शिक्षा प्राप्त करता है और शिक्षा अर्जुन करने के पश्चात वह विभिन्न क्षेत्रों में अपना बेहतर प्रदर्शन करके धन कमाता है और यह धन उसके जीवन को सरल सुखमय और आनंददाई बनाता है।

शिक्षा का उद्देश्य अपने जीवन को स्वास्थ्य तथा सूखी बनाना भी होता है, जो व्यक्ति शिक्षित होते हैं, वह स्वास्थ्य को समझते हैं और शरीर को स्वस्थ रखने के नियम को जानते हैं। इस प्रकार से वह स्वस्थ रहते हैं और स्वास्थ्य तथा स्वस्थ जीवन का लाभ उठाते हैं।

शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य में श्रेष्ठ चरित्र का निर्माण भी करना होता है, शिक्षा के द्वारा विभिन्न प्रकार के महापुरुषों की जीवनी अध्यात्म के ज्ञान के द्वारा मनुष्य का चरित्र मजबूत बनता है, उसमें मानवता दया प्रेम करुणा जैसे भाव जागृत होते हैं, जो शिक्षा के द्वारा ही संभव होता है शिक्षा ही मनुष्य के अंदर बुराइयां समाप्त करके अच्छाइयां जागृत करती हैं और शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य अपनी मानसिक अज्ञानता को दूर करता है, इसीलिए शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण स्थान मनुष्य के जीवन में होता है, क्योंकि शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य एक सुखमय सरल और आनंददाई जीवन व्यतीत करता है।

दोस्तों आपने यहाँ पर शिक्षा क्या है शिक्षा का अर्थ और उद्देश्य (what is education meaning) पढ़ा। आशा करता हुँ, आपको यह लेख अच्छा लगा होगा।

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  2. संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1992
  3. शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
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